यह कार्यक्रम हमारे लिए एक प्रेरणा स्रोत है, विश्वास है कि विद्यालय के छात्र-छात्राएं रुचि लेते हुए भाषा को समृद्धशाली बनाने में देंगे योगदान-मोहम्मद नोमान, प्रबंधक
आजमगढ़। रानी की सराय के पास स्थित आजमगढ़ पब्लिक स्कूल में उर्दू दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ कुरान की तिलावत और नाते शरीफ से आरंभ हुआ। इस आयोजन के मुख्य अतिथि मुंबई यूनिवर्सिटी के उर्दू विभागाध्यक्ष डॉक्टर अब्दुल्ला इम्तियाज थे। मुख्य अतिथियों का स्वागत विद्यालय के प्रबंधक सीए मोहम्मद नोमान, प्रधानाचार्या रूपल पांड्या, उपप्रधानाचार्या रूनाखान व स्कूल के उर्दू विभागाध्यक्ष जमशेद ने गुलदस्ता एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर किया। अन्य अतिथियों में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के अर्बिक भाषा के विभागाध्यक्ष डॉ. महमूद मिर्जा साहब, डॉ. मोहम्मद ताविस, सामाजिक कार्यकर्ता आरिफ नसीम तथा शिब्ली नेशनल कालेज के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सरफराज नवाज की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं में उर्दू भाषा के प्रति लोगों में रुचि उत्पन्न करना था। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्र -छात्राओं में अपनी सांस्कृतिक अस्मिता के प्रति लोगों को जागरूक करना था। अपनी सांस्कृतिक अस्मिता को बचाने में भाषाओं की अहम् भूमिका होती है। क्योंकि भाषा से ही लोगों में संस्कार , सरोकार तथा सलाहियत की भावनाओं का विकास होता है। इसलिए यह आवश्यक है कि भाषा ही संप्रेषण का माध्यम होती है।जिसे बनाएं रखना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी होती है। इस कार्यक्रम के शुभ अवसर पर विद्यालय के छात्र -छात्राओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए गये। जिनमें उर्दू भाषा की उत्पत्ति और विकास के विभिन्न बिंदुओं पर अपना मंतव्य व्यक्त किया जो बड़ा ही सराहनीय था। कुछ छात्र -छात्राओं द्वारा उर्दू कविता की जो समा बांधी वह अत्यंत ही मंत्र मुग्ध कर देने वाली थी जिसकी काफी सराहना हुई। इस कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ.अब्दुल्ला इम्तियाज ने अपने वक्तव्य में कहा कि भाषा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा पारस्परिक सद्भावना का विकास होता है। इसकी अहमियत को बनाए रखना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि हिंदी और उर्दू दोनों भाषाएं आपस में बहने हैं। जिस तरह मीर, गालिब और इकबाल ने उर्दू को ऊंचाईयों पर पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है , वहीं मुंशी प्रेमचंद, राजेंद्र सिंह वेदी , इत्यादि लोगों को कैसे भूल सकते हैं। इन्होंने ने भी उर्दू भाषा की लोकप्रियता को बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विद्यालय के प्रबंधक मोहम्मद नोमान ने अपने वक्तव्य में उर्दू दिवस के कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम हमारे लिए एक प्रेरणा स्रोत है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारे विद्यालय के सभी छात्र छात्राएं इस भाषा के प्रति रुचि लेंगे तथा भाषा को समृद्धशाली बनाने में अपना योगदान कर सकेंगे और कार्यक्रम में आये मुख्य अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनके सलाहियत की काफी सराहना भी की। विद्यालय की प्रधानाचार्या ने कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों को अपना बहुमूल्य समय प्रदान करने तथा उर्दू भाषा के प्रति प्रेरणा प्रदान करने के लिए अपना आभार व्यक्त किया । इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में छात्र -छात्राओं तथा शिक्षकों ने जो अपना योगदान प्रदान किया उसकी भी उन्होंने काफी सराहना की। इस अवसर पर विद्यालय के सभी कर्मचारी, शिक्षिका तथा शिक्षक गण मौजूद थे।