इस मामले में पीड़ित को 25 लाख मुआवजा देने का दिया आदेश
अखिलेश का तंज : जुमार्ना लगाने वाली सरकार पर ही कोर्ट लगा रही जुर्माना
लखनऊ। यूपी के महराजगंज में 2019 में मनोज टिबड़ेवाल नाम के शख्स का मकान गिराया गया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सख्त रुख दिखाते हुए 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने को कहा है. इसके अलावा कोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी से पूरे मामले की विभागीय जांच और कार्रवाई का आदेश दिया है. इस समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने तीखा तंज कसा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'जुमार्ना लगानेवाली सरकार पर ही कोर्ट जुमार्ना लगा रहा है. भाजपा राज में उप्र में फैली अराजकता का कोई और सबूत चाहिए क्या. अब क्या भाजपा सरकार खुद पर बुलडोजर चलवाएगी.' सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सड़क के विस्तार से पहले सर्वे होना चाहिए. यह देखा जाना चहिए कि उसकी मौजूदा चौड़ाई क्या है और उसमें कितने विस्तार की जरूरत है.
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जिनका मकान उस दायरे में आ रहा था उन सभी को नोटिस देना चाहिए था. उन सभी का पहले पक्ष सुनने के बाद ही नियमों के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए. अपने फैसले में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस आदेश की कॉपी सभी राज्यों को भेजने का भी निर्देश दिया है और कहा है कि सभी राज्य सड़क विस्तार से पहले उचित प्रक्रिया का पालन करें. गौरतलब है कि ये पूरा मामला 2019 का है, जब महराजगंज के हमीद नगर के रहने वाले मनोज टिबड़ेवाल ने अदालत को चिट्ठी के जरिए अपने साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी थी. इस चिट्ठी के जरिए 13 सितंबर को नेशनल हाइवे निर्माण के दौरान उनका पुश्तैनी मकान गिरा दिया गया था. पहले न तो जमीन अधिग्रहण हुआ और न ही कोई नोटिस दिया गया. लेकिन अचानक मकान को तोड़ दिया गया.