मंदिर में पहुंचा बंटेंगे तो कटेंगे का मामला

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मंदिर में लगी पोस्टर की एक तस्वीर हो रही वायरल

लखनऊ। यूपी उपचुनाव की तारीखों के ऐलान होने के बाद तारीखों के बदलने से विपक्ष बीजेपी पर हमलावर दिखाई दे रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बटोगे तो कटोगे वाले बयान पर सूबे सियासत खूब गरमाई हुई है. अब ये बयान सियासी गलियारों से चलकर धार्मिक स्थलों तक आ पहुंचा है. मामला कानपुर से सामने आया है. श्री आनंदेश्वर महादेव मठ मंदिर की एक तस्वीर वायरल हो रही है. मंदिर में बटोगे तो कटोगे का नारा लिखा हुआ दिखाई दिया.
कानपुर की सड़कों पर लखनऊ की तर्ज पर अब सड़क से लेकर मंदिर और मठ तक बटोगे तो कटोगे के पोस्टर दिखाइए दे रहे हैं. यहां का सियासी समीकरण मुस्लिम मतदाताओं पर निर्भर करता है जिसके बाद अलग अलग तरीके से हिंदू मतदाताओं को एक जुट करने के लिए इस तरह के पोस्टर देखे जा सकते हैं. सियासी गलियारे से सियासत मंदिरों तक पहुंच चुकी है जो कहीं न कहीं एक बड़ा संदेश दे रही है.
इस बाबत मंदिर के पुजारियों और श्रद्धालुओं का कहना है कि इस तरह के राजनैतिक पोस्टर और बांटने और काटने के पोस्टर मंदिरों तक नहीं पहुंचने चाहिए. क्योंकि धार्मिक स्थलों पर सबका प्रवेश है. हर दल के राजनैतिक लोग मंदिर आते हैं आखिर ये पोस्टर किसे बांटने और किसे काटने के लिए लगाया गया है. हालांकि मंदिर के महंत की ओर से कहा गया है कि इस विषय में जांच कराई जाएगी. इसे वर्जित किया जाएगा. मंदिर भगवान का घर है यहां सियासत नहीं होनी चाहिए.
कानपुर की सीसामऊ सीट पर उपचुनाव होने हैं. इस सीट पर पिछले 22 सालों से समाजवादी पार्टी का कब्जा है. साल 1991 में यहां बीजेपी ने अपनी जीत दर्ज की थी लेकिन उसके बाद से यहां सपा ने सोलंकी परिवार से हाजी मुश्ताक सोलंकी को चुनाव मैदान में खड़ा किया था जिसके बाद से इस सीट पर सपा की टिकट पर सोलंकी परिवार का ही परचम लहराता रहा है. अब बीजेपी यहां उपचुनाव में ताकत झोंककर अपना झंडा गाड़ना चाहती है.

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