तय किया 50 किमी का रास्ता; मदद के लिए मांगता रहा भीख
मऊ। मऊ के घोसी कोतवाली क्षेत्र के दादनपुर निवासी अधेड़ महिला का बलिया जिले के नगरा में इलाज के दौरान मौत हो गई। उधर, गरीबी में पत्नी की मौत के बाद उसका पति ने मदद की उम्मीद को लेकर लोगों से अपील की, लेकिन कोई सहायता न मिलने पर वह अपनी पत्नी के शव को ठेले पर लादकर 50 किमी दूर अपने पैतृक गांव के करीब पहुंचा था। इस बीच, इसकी सूचना मिलने पर घोसी पुलिस ने शव को शववाहिका से भिजवाने के साथ अंतिम संस्कार कराने का पूरा खर्च उठाया। बताया जा रहा है कि घोसी कोतवाली क्षेत्र के दादनपुर अहिरौली निवासी गुलाबचंद्र मजदूरी कर अपनी बीमार पत्नी चंद्रमी का उपचार करा रहे थे। बेहतर उपचार की आस में शनिवार को वह अपनी पत्नी के साथ बलिया जिले के नगरा में पहुंचा था,जहां वह डाॅक्टर के बजाए झांड़-फूक के चक्कर में पड़ गया, जहां देर शाम उसकी बीमार पत्नी की मौत हो गई। पत्नी की मौत के बाद उसने कोशिश की वह अपनी उसके शव को किसी वाहन से घोसी ले जा सके, लेकिन उसके पास रुपये न होने पर उसने पहले मदद की मांग की, लेकिन नाउम्मीद होने पर वह ठेले से शनिवार की रात 12 बजे अपनी पत्नी के शव को घोसी के लिए निकल गया। रविवार की सुबह वह 11 बजे जब घोसी कोतवाली क्षेत्र के रघौली के करीब पहुंचा था घोसी पुलिस को इसकी सूचना मिली। जिस पर पहुंची पुलिस ने जब वृद्ध गुलाबचंद्र से जानकारी ली तो उन्हें वाकया पता चला। जिसके बाद शव को ठेले से हटवाकर शव वाहिका से उसके पैतृक गांव भेजवाने के साथ अंतिम संस्कार के लिए मदद की। अपनी पत्नी को खो चुके गुलाबचंद्र ने बताया कि उनकी चार संतान है, लेकिन वह इस बुढ़ापे में हमसे अलग रहते हैं। वह ही मजदूरी करके अपना और अपनी पत्नी का भरण पोषण करते हुए बीमार पत्नी का उपचार करा रहा था। चिकित्सकों से इलाज कराने के दौरान उसे एक ने झाड़ फृूक से बीमार पत्नी के ठीक होने के बात सुनकर वह एक आस में नगरा पहुंचा था। लेकिन किस्मत ने उसके साथ धोखा दे दिया।