फर्जी तरीके से नौकरी पाने का आरोप, इस तरह हुआ खुलासा
लखनऊ। पुलिस भर्ती परीक्षा में सॉल्वर बिठाकर महिला समेत चार दरोगा बन गए। पुलिस भर्ती बोर्ड की उच्च स्तरीय समिति ने मामले की जांच की तो इसका खुलासा हुआ। पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड में तैनात इंस्पेक्टर सत्येंद्र कुमार ने हुसेनगंज थाने में चारों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस तथा पुरुषों के लिए प्लाटून कमांडर, पीएसी एवं अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पदों पर सीधी भर्ती 2020-21 की आॅनलाइन लिखित परीक्षा आयोजित कराई गई थी। आरोप है कि मंटी बासी अलीगढ़ निवासी अभ्यर्थी गौरव कुमार ने भर्ती परीक्षा में 13 नवंबर 2021 को प्रतिभाग किया। गौरव का परीक्षा केंद्र कॉस्मो फाउंडेशन जानकीपुरम विस्तार में था।
गौरव का उपनिरीक्षक के पद पर चयन होने के बाद प्रशिक्षण पर भेज दिया गया। इस बीच भर्ती परीक्षा को लेकर उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका संदीप परिहार व 28 अन्य बनाम यूपी राज्य व अन्य दाखिल की गई। उच्च न्यायालय, लखनऊ खंडपीठ के निदेर्शानुसार भर्ती बोर्ड स्तर पर उच्चस्तरीय समिति गठित कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान गौरव कुमार के बोर्ड स्तर और आॅनलाइन लिखित परीक्षा के समय लिए गए बॉयोमीट्रिक भिन्न मिले। पता चला कि दरोगा का प्रशिक्षण कर रहे गौरव ने आनलाइन लिखित परीक्षा में खुद प्रतिभाग नहीं लिया था। अपनी जगह सॉल्वर को बिठाया था।
इसी तरह फफोटू एटा निवासी मालती की हाथरस रोड आगरा स्थित परीक्षा केंद्र एसपीएस इंफोटेक श्री प्रताप सिंह महाविद्यालय में 17 नवंबर 2021 को आॅनलाइन परीक्षा थी। हालांकि, मालती ने भी अपनी जगह सॉल्वर बिठाया था। इसके अलावा मचकौली बुलंदशहर निवासी निर्भय सिंह जादौन की 20 नवंबर 2021 को सिकंदरा, आगरा में यश इंफोटेक आॅनलाइन परीक्षा केंद्र में आनलाइन परीक्षा थी। निर्भय ने भी अपनी जगह सॉल्वर बिठाया था। वहीं, शांति कुंज रोहता रोड, मेरठ निवासी अभ्यर्थी रोहित कुमार भी जांच में सॉल्वर बिठाकर परीक्षा दिलाने के आरोपी पाए गए। रोहित को 27 नवंबर 2021 को छात्रशक्ति इंफो सॉल्यूशन कुर्सी रोड पर परीक्षा में बैठना था।