दिवाली पर कारोबारी के घर छाया मातम..., हर आंख हो गई नम
आगरा। आगरा के नटराजपुरम निवासी हार्डवेयर कारोबारी अनुज और उनके भाई साैरभ अग्रवाल के घर में दिवाली की खुशियां मातम में बदल गईं। हादसे ने एक साथ परिवार की पांच जिंदगियों का दीपक बुझा दिया। घर में माैजूद हृदय रोगी वृद्ध मां सुधा अपने बच्चों और बहुओं के सकुशल लाैटने के इंतजार में बैठी थीं। परिजन यही बताते रहे कि कुछ हुआ है। बच्चे जल्दी घर आ जाएंगे। रिश्तेदारों को देखकर मां के दिल की धड़कन भी बढ़ रही थी। परिवार की महिलाएं उन्हें संभाल रही थीं। काॅलोनी में भी मातमी सन्नाटा पसर गया। कारोबारी के परिवार में हुई घटना की जानकारी पर पार्षद पंकज अग्रवाल भी घर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि अनुज की सिकंदरा-बोदला मार्ग पर हार्डवेयर की दुकान है। वहीं उनके भाई साैरभ अग्रवाल नोएडा की एक बैंक में कार्यरत हैं। वह दिवाली पर घर आए थे।
रात में परिवार ने पूजन के बाद पटाखे चलाए थे। पूरा परिवार काफी खुश था। शुक्रवार सुबह देवी दर्शन का प्लान बनाया। इसमें दोनों पत्नी और बच्चों के साथ गए थे। वापस आते समय दर्दनाक हादसे में अनुज की पत्नी सोनम, बेटे निताई, साैरभ की पत्नी रूबी, बेटे चेतन की माैत हो गई। वहीं घायल गाैरांग ने इलाज के दाैरान दम तोड़ दिया। उसे देहली गेट स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके शरीर पर कई जगह चोट लगी थी। वहीं साैरभ को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। हादसे की जानकारी पर काॅलोनी के लोग घर के बाहर जुट गए। वहीं रिश्तेदार और परिचित भी पहुंच गए। घर में मां सुधा अग्रवाल ही थीं। वह 75 साल की हैं। वहीं हृदय रोगी भी हैं। उन्हें किसी ने हादसे के बारे में नहीं बताया। परिजन ने सबसे यही कहा कि मां को इस घटना के बारे में अभी न बताएं। बाद में जब पता चलेगा तो देखेंगे। वह यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाएंगी। उनके तीन नातियों और दो बहुओं की माैत हुई है। उन्हें किसी तरह संभाल ले। जिस किसी ने हादसे के बारे में सुना, उसके रोंगटे खड़े हो गए। कार डिवाइडर और पेड़ से टकराने के बाद उछलकर खाई में गिरी थी। कारोबारी के परिवार के लोग फंस गए थे। उन्हें किसी तरह कार के अंदर से निकाला गया था। कार के फोटो सोशल मीडिया पर भी सामने आए। कार के परखच्चे उड़ गए थे। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि अनुज और साैरभ के पिता अनिल अग्रवाल की भी हादसे में माैत हुई थी। एक दशक पहले वाटरवर्क्स पर हादसा हुआ था। दोनों भाई मां को संभाल रहे थे। उधर, रिश्तेदार पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर आने और घायलों के इलाज में लगे रहे।