आजमगढ़ : महादेवी हायर सेकेंडरी स्कूल में धूमधाम से मनाया गया बाल दिवस

Youth India Times
By -
0
अपने ज्ञान और बुद्धि का प्रयोग अच्छे कामों के लिए करें छात्र-डीपी मौर्य, प्रबंधक
आजमगढ़। तिवारीपुर सिधारी आजमगढ़ स्थित महादेवी हायर सेकेंडरी स्कूल में धूमधाम से बाल दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम विद्यालय प्रबंधक डीपी मौर्य, प्रधानाचार्य रामनयन मौर्य, उप प्रधानाचार्य एसएन यादव, कोआॅर्डिनेटर आनंद मौर्य ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की भव्य शुरूआत की। तत्पश्चात विद्यालय की शिक्षिकाओं द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति हुई। बाल दिवस के महत्व को अध्यापक अजय यादव एवं पद्मजा पाल ने अपने संबोधन में बखूबी बताया। अपने गीतों के माध्यम से सरिता मौर्य एवं राहुल तिवारी ने बच्चों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। शिक्षक व छात्र शीर्षक पर आधारित हास्य नाटिका जिसको विद्यालय के शिक्षक व शिक्षिकाओं द्वारा प्रस्तुत किया गया था सभी को खूब हंसाया। कार्यक्रम के बीच-बीच में विद्यालय में आयोजित विभिन्न एक्टिविटी में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं को विद्यालय प्रबंधक डीपी मौर्य, प्रधानाचार्य रामनयन मौर्य एवं उप-प्रधानाचार्य एसएन यादव ने मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। विद्यालय प्रबंधक डीपी मौर्य ने बताया कि मैं आज बाल दिवस के अवसर पर अपने सभी छात्रों-छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूँ और छात्र-छात्राओं से अपील करता हूं कि वह अपने ज्ञान और बुद्धि का प्रयोग अच्छे कामों के लिए करें । नकारात्मक चीजों से दूर रहें। बच्चों के सबसे पहले गुरु उनके माता-पिता है उसके बाद शिक्षक है । उन्हें शिक्षको का हमेशा आदर करना चाहिए और उनकी बताई बातों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए तभी वह सफलता की मंजिल को पा सकेंगे । माता-पिता व शिक्षक हमेशा बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते है, उसे अमल करना या अमल न करना आपके हाथ में है । जैसे कुम्हार मिट्टी के बर्तन को सही आकार देता है उसी प्रकार बच्चे भी मिट्टी की भांति अपने शिक्षकों द्वारा अनेक आकार में ढलते हैं। मैं कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी शिक्षक- शिक्षिकाओं को धन्यवाद देता हूं। कार्यक्रम का सफल संचालन कोआॅर्डिनेटर दीपिका सिंह ने किया । कार्यक्रम को सफल बनाने में-कोआॅर्डिनेटर दिनेश यादव , रामचरण मौर्य, समीक्षा सिंह, किशन यादव, धीरेंद्र मोहन, शरद गुप्ता, आरोही मोदनवाल, प्रेमा यादव आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं का सराहनीय योगदान रहा।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)