5 घंटे की सर्जरी कर हाथ की कटी प्रमुख नसों को जोड़ा
आजमगढ़। जनपद के छतवारा निवासी गणेश चौहान उम्र लगभग 35 साल शटरिंग और स्लाइडिंग का काम करता है, इसी से उसकी और उसके परिवार का पेट भरता है। गणेश 27 अक्टूबर की शाम छतवारा में ही किसी व्यक्ति के यहां काम कर रहा था कि तभी एक बड़े शीशे का टुकड़ा उसकी हाथ पर गिर गया और उसके हाथ की सभी प्रमुख नसे कटकर अलग हो गई। नसों के काटने से शरीर से तेजी से खून बाहर होने लगा। हाथ की मुख्य नसों के कटने के कारण खून की धारा इतनी तेज और ऊंची निकल रही थी जिसे देखकर सभी लोग घबरा गए। आनन फानन में लोगों द्वारा उसे लाइफ लाइन हॉस्पिटल के इमरजेंसी में लाया गया। लेकिन गणेश की स्थिति काफी गंभीर थी लिहाजा मौके पर मौजूद इमरजेंसी डॉक्टरों की टीम ने पहले उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए तेजी से हो रहे रक्तस्राव को रोका। तत्पश्चात उन्होंने प्रमुख न्यूरो सर्जन डॉ अनूप कुमार सिंह को हर स्थिति से अवगत कराया।
गणेश जीवन के खतरे के साथ दाहिने हाथ में गैंग्रीन के खतरे में भी था क्योंकि मुख्य नसों के कट जाने के कारण गणेश के दाहिने हाथ में रक्त का प्रवाह रुक गया था और हाथों के साथ साथ जिंदगी भी खतरे में थी। गणेश के घर वाले उसे लखनऊ ले जाने की तैयारी में लगे हुए थे। अत्यधिक रक्तस्राव के कारण गणेश का ब्लड प्रेशर भी काफी कम हो गया था I इस परिस्थिति में इस खतरे को समझते हुए की गणेश को तत्काल ऑपरेशन की जरूरत थी, डॉक्टर अनूप कुमार सिंह ने संभावित खतरों को गणेश एवं उनके परिवार को समझाते हुए स्वयं ऑपरेशन करने का निर्णय लिया और लगभग 5 घंटे की सर्जरी करने के बाद मरीज के हाथो में खून का संचार पूर्ववत कर दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम में जो सबसे बड़ी चीज रही यह रही कि पूर्वांचल में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन था जो सफल रहा और मरीज ने खुद अपना ऑपरेशन होते हुए देखा। मरीज का कहना है कि वह अपने आप को काफी सौभाग्यशाली मानता है कि डॉक्टर अनूप कुमार सिंह की वजह से अब दोबारा से वह जिंदगी शुरू कर सकेगा। वही इस प्रकरण पर लाइफ लाइन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्रमुख न्यूरो सर्जन डॉक्टर अनूप कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वांचल में इस तरह की संभवतः यह पहली सफल सर्जरी है। यह सर्जरी पूर्वांचल की पहली सफल माइक्रो वैस्कुलर सर्जरी कही जाएगी।