यूपी को मिलने जा रहा है भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष

Youth India Times
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संगठन में कई फेरदबल की तैयारी, हो सकते हैं ये बड़े बदलाव
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव से मिली सीख के आधार पर संगठन में बदलाव करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। पार्टी ने हर स्तर पर संगठनात्मक चुनाव में नए तरीकों और स्वरूपों को अपनाने का फैसला किया है। भाजपा की कोशिश है कि बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक की समितियों में सभी जाति-वर्गों का प्रतिनिधित्व हो, ताकि सभी समुदायों को पार्टी के साथ जोड़ा जा सके। खासतौर से, पार्टी उन क्षेत्रों में स्थानीय जातियों को प्राथमिकता देगी, जहां उनकी संख्या अधिक है। इसका उद्देश्य 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले विरोधी दलों की जातीय राजनीति को मात देना है। शनिवार से शुरू हुई जिला स्तरीय कार्यशालाओं में भाजपा ने चुनाव अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही सोशल इंजीनियरिंग की रणनीति पर जोर दिया। पार्टी का मानना है कि समाजवादी पार्टी के पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक गठजोड़ को टक्कर देने के लिए भाजपा को जमीनी स्तर पर अलग जातियों के नेतृत्व को उभारना होगा। भाजपा की चुनाव प्रक्रिया का आगाज हो चुका है। प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव अधिकारी पहले ही नियुक्त हो चुके हैं। जिलों के लिए चुनाव अधिकारी और सह चुनाव अधिकारी बनाए गए हैं, जिनके लिए शुक्रवार को कार्यशाला आयोजित की गई। प्रदेश के 60% जिलों में यह कार्यशालाएं संपन्न हो चुकी हैं और बाकी जिलों में भी शनिवार तक ये पूरी हो जाएंगी। जिलों के लिए चुने गए चुनाव अधिकारी अब मंडल और बूथ स्तर के चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे। उनकी देखरेख में मंडल और बूथ अध्यक्ष चुने जाएंगे, जिसके बाद जिलाध्यक्ष और अंततः प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। इस प्रक्रिया को अगले दो महीनों में पूरा करने की योजना है, ताकि नए साल में पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सके। बूथ, मंडल और जिला स्तर पर चुने गए अध्यक्ष अपनी कार्यकारिणी का गठन करेंगे। चुनाव अधिकारियों और पार्टी पदाधिकारियों को ‘सोशल इंजीनियरिंग’ का महत्व समझाया गया है। उनसे कहा गया है कि पहले अपने सक्रिय कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करें, और उनमें से ही अध्यक्ष और कार्यकारिणी का चयन करें। क्षेत्र में जिस जाति की संख्या अधिक है, उस समुदाय से अध्यक्ष का चयन किया जाए और अन्य जातियों का भी उचित प्रतिनिधित्व कार्यकारिणी में हो। पार्टी ने इस बार संगठन में 33% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का भी संकल्प लिया है। प्रदेश के 1.36 लाख बूथों पर महिलाओं को सक्रिय भूमिका देने की कवायद की जा रही है। बूथ स्तर से लेकर मंडल और जिला कार्यकारिणी में भी महिलाओं को अहम जिम्मेदारियाँ दी जाएंगी, ताकि भाजपा में सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित हो।

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