बच्चे ही भविष्य की आशाओं और सपनों का प्रतिनिधित्व करते हैं-श्रीश अग्रवाल
आजमगढ़। करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में बच्चों के सतत एवं व्यापक मूल्यांकन तथा सर्वांगीण विकास को दृष्टिगत रखते हुए बोर्ड के विद्यार्थियों के अभिभावकों का वृहद् स्तर पर अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन हुआ। इस अभिभावक-शिक्षक सम्मेलन का प्रारंभ दिल्ली पब्लिक स्कूल वाराणसी के प्रधानाचार्य मुकेश शैलेट तथा जी डी ग्लोबल स्कूल के कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल, प्रधानाचार्या दीपाली भुस्कुटे ने प्रथम उपस्थित 5 अभिभावकों के साथ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अभिभावक शिक्षक सम्मेलन में अभिभावकों को उनके पाल्य की अध्ययन संबंधी उचित दिशा-निर्देशन का परामर्श दिया गया। इस अभिभावक सम्मेलन का उद्देश्य माता-पिता एवं अभिभावकों को विद्यालय के साथ मिलकर छात्रों के सीखने की प्रक्रिया में सहयोग करना है। माता-पिता अपने बच्चे की शिक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी शैक्षणिक प्रगति में शामिल रहना और चुनौतियों की शुरूआती पहचान और समाधान छात्र की सीखने की सफलता के लिए महत्त्वपूर्ण है। अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित करने से दोनों पक्षों को छात्र की ताकत, कमजोरियों और विकास की गहन जांच करने का मौका मिलता है। इस अवसर पर अभिभावकों को उनके बच्चों की शैक्षिक प्रगति तथा उनके पाठ्येत्तर गतिविधियों पर गहन चर्चा की गई। जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा बच्चों के क्रियाकलाप संबंधी निपुण पर भी चर्चा की गई। अभिभावकों को प्रोजेक्टर के माध्यम से विद्यालय की शैक्षिक तथा पाठ्यसहगामी-क्रियाकलापों की उपलब्धियों का साझा किया गया। अभिभावकों ने भी रूचितापूर्वक इस अभिभावक-अध्यापक सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। नब्बे प्रतिशत से भी अधिक अभिभावक पीटीएम में उपस्थित रहे। डीपीएस प्रधानाचार्य मुकेश शैलेट ने बताया कि अभ्यास के बदौलत ही बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक अर्जित किए जा सकते हैं। उन्होंने अभिभावकों एवं शिक्षकों से आदर्श प्रश्नपत्र हल कराने पर जोर दिया। अभिभावकों से उन्होंने बच्चो के नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित रहने का आग्रह किया। अभिभावकों ने भी अपने पाल्य के पढाई से सम्बन्धी प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासा शांत की। विद्यालय के कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल ने बताया कि बच्चे ही भविष्य की आशाओं और सपनों का प्रतिनिधित्व करते हैं? अभिभावकों एवं शिक्षकों के सहयोग से ही ये अपना तथा परिवार और स्कूल का नाम रोशन कर सकते हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्या दीपाली भुस्कुटे ने बताया कि माता-पिता और शिक्षक बच्चे की शिक्षा की प्रक्रिया में प्राथमिक हितधारक होते हैं। अभिभावक-शिक्षक बैठक के दौरान शिक्षक अभिभावकों को कक्षा में अपने बच्चे के प्रदर्शन के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी देते हैं और तद्नुसार उनकी सीखने की क्षमता का समर्थन करने के लिए रणनीतियाँ सुझाते हैं। यह बैठक अभिभावकों को अपने बच्चे की शिक्षा के बारे में अपनी चिंताओं या सवालों को साझा करने का अवसर भी प्रदान करती है।