आजमगढ़ में मुर्दों की हलचल, रिक्शा स्टैण्ड पर आयें नजर

Youth India Times
By -
1 minute read
0
अब लखनऊ और दिल्ली जाने की तैयारी, ज्ञापन भी सौंपा
आजमगढ़। सच कहूं तो फांसी देना, झूठ कहूं तो जेल। जिन्दा मुर्दा की लड़ाई में अन्याय जीता, न्याय हो गया फेल। उक्त बातें लालबिहारी मृतक ने सोमवार को रिक्शा स्टैंड पर धरने के दौरान कहा। इस दौरान उन्होंने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर गैस, लालटेन, टार्च के उजालों में कलेक्ट्री, दीवानी, कचहरी की सड़कों तक न्याय और न्यायियों की तलाश किया। मृतक ने कहा कि न्यायालय नायब तहसीलदार तहसील सदर जिला आजमगढ़ मुकदमा नंबर 298 के तहत 30 जुलाई 1976 को ग्राम खलीलाबाद के भू-राजस्व अभिलेखों में लाल स्याही के कलम के हत्यारे हत्या कर जीवित को मृत घोषित कर कागज के कफन में दफन कर दिया। उप्र विधान सभा लखनऊ में 09 सितम्बर 1986 को दर्शक दीर्घा नंबर 4 से पर्चा फेंककर जीवित मृतक का नारा लगाया। सुरक्षा कर्मियों ने गिरफ्तार कर मारा-पीटा, कुर्ता फाड़ा, बाल नोचा, अपमानित किया, मार्शल ने घंटों तक बंदी बनाया। हंगामा करने वाले लाल बिहारी मृतक का नाम विधानसभा के कार्यवाही रजिस्टर पृष्ट संख्या 105 पर नाम छिपाने वाले अध्यक्ष व सचिवों पर भी कार्रवाई नहीं हुई। न्यायालय एसडीएम निजामाबाद मुकदमा नंबर 163 बाबूराम व पतिराम पुत्रगण स्व. रामधारी राम के नाम की जमीन पर धोखाधड़ी कर 07 सितंबर 2016 को खारिज कर लाल बिहारी मृतक पुत्र चौथी के नाम फर्जी जमीन दर्ज कर खूनी संघर्ष कराने की साजिश करने वालों की जांच किया जाय। इस तरह के कई मामले हैं जिनकी जांच जरूरी है। लाल बिहारी ने प्रशासन के जरिए राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा और कहा कि अब वह दिल्ली और लखनऊ तक न्याय की तलाश करेंगे।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)
Today | 8, April 2025