सदन के बाहर धरने पर बैठीं सपा की बागी विधायक

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लगाए गंभीर आरोप, कहा चोर की दाढ़ी में तिनका

लखनऊ। विधानसभा में सपा की बागी विधायक पल्लवी पटेल ने पॉलीटेक्निक संस्थानों में विभागाध्यक्ष के पदों पर पदोन्नति में अनियमितता का आरोप लगाकर इस पर चर्चा कराने की मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उनकी मांग को नियमों का हवाला देकर खारिज कर दिया। इसके बावजूद पल्लवी इस मुद्दे पर चर्चा काराने की मांग पर अड़ी रहीं। इसपर अध्यक्ष ने उन्हें बैठने या सदन से बाहर जाने की बात कही तो पल्लवी नाराज होकर बाहर चली गई और विधानभवन के सामने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठ गईं। पल्लवी ने एलान किया है कि जब तक सरकार प्रमोशन घोटाले के मामले में कार्रवाई नहीं करेगी, तबतक उनका धरना जारी रहेगा।
पल्लवी ने कहा कि सदन के भीतर हमने लोकमहत्व से जुड़े होने को कारण इस मुद्दे पर चर्चा कराने और सरकार से कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी गई। अध्यक्ष के निर्देश पर मैं बाहर आ गई है और अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठी हूं। उन्होंने कहा कि जबतक प्रमोशन में घोटाला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, जब तक मेरा धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पॉलीटेक्निक संस्थानों में नियमों को ताक पर रखकर 250 लोगों को प्रमोशन किया गया है। इसमें पिछड़ों के हक मारे गए हैं।
पल्लवी पटेल ने कहा कि पॉलीटेक्निक में विभागाध्यक्ष का पद सीधी भर्ती द्वारा उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा करने का प्रावधान है, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर 250 पदों को पदोन्नति से भर दिए गया। ऐसे में पिछड़ों को मिलने वाला आरक्षण खत्म कर दिया गया। अगर आयोग से यह सीधी भर्ती होती तो नियमानुसार पिछड़े और एसी एसटी को आरक्षण का लाभ मिलता। पल्लवी ने आरोप लगाया कि गलत तरीके प्रमोशन पाने वाले सभी लोगों से 25-25 लाख रुपये घूस लिया गया है।
पल्लवी ने बताया कि पदोन्नति में बड़ा खेल हुआ है। पदोन्नति तो पुरानी नियमावली से किया गया है, लेकिन वेतनमान नई नियमावली के मुताबिक किया गया है। यही नहीं, विभागाध्यक्ष के लिए तय शैक्षिक योग्यता की भी अनदेखी की गई है। बीटेक या डिप्लोमा डिग्रीधारी विभागाध्यक्ष नहीं हो सकते हैं। इस पद के लिए एमटेक या पीएचडी डिग्री होना जरूरी है। लेकिन प्रमोशन पाने वालों को अब 2.10 लाख रुपये का वेतनमान दिया गया है। जबकि उनकी शैक्षिक योग्यता 70 हजार रुपये वेतनमान की है। इस प्रकार प्रति विभागाध्यक्षों को 1.40 लाख रुपये अधिक वेतनमान देकर सरकारी खजाने को करीब 50 करोड़ रुपये की चपत लगाई गई है।
प्रमोशन में अनियमितता के मामले में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल के बारे में पूछे जाने पर पल्लवी ने कहा कि हमने तो किसी का नाम नहीं लिया है। फिर भी 'चोर की दाढ़ी में तिनका'। उन्होंने कहा कि मंत्री खुद से विधवा विलाप कर रहे हैं तो उनके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। मेरा तो सिर्फ इतना कहना है कि सरकार मामले की जांच कराके दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।

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