100 बीघा जमीन की लालच, कातिल बुआ सहित तीन गिरफ्तार
मुजफ्फरनगर। खतौली के गांव लोहड्डा के कक्षा 12 के छात्र वंश तंवर की हत्या 100 बीघा जमीन के लालच में बुआ ने तीन लाख रुपये की सुपारी देकर कराई थी। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से 55 हजार रुपये भी बरामद किए हैं। आरोपी बुआ, शूटर समेत तीन फरार हैं। पुलिस लाइन में एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि वंश तंवर 30 नवंबर को अपने दोस्त गांव टिटौडा निवासी आदित्य के साथ बाइक पर सवार होकर खतौली जा रहा था। रास्ते में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने वारदात में शामिल गांव खेड़ी रांगड़ान निवासी योगेश और प्रविंद्र को गंगनहर पटरी दूधली कट और मेरठ के सरधना थाना क्षेत्र के गांव कपसाड़ निवासी सतीश और खेड़ी रांगड़ान निवासी अजय उर्फ लुक्का को गांव खेड़ी के जंगल में बंद पड़ी सीमेंट की फैक्टरी से गिरफ्तार किया। आरोपियों से पूछताछ की तो वंश हत्याकांड का खुलासा हुआ। एसपी सिटी ने बताया कि दिल्ली के नारायणा में रह रही वंश की बुआ बबीता ने अपनी बुआ के बेटे योगेश के साथ मिलकर साजिश रची और तीन लाख रुपये सुपारी दी। वारदात में शामिल खेड़ी रांगड़ान निवासी उपेंद्र, बबीता और मेरठ के सरधना थाना क्षेत्र के गांव कपसाड़ निवासी सूरज फरार हैं। वंश की हत्या को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि वारदात में किसी नजदीकी का हाथ है। पुलिस जांच करते हुए बुआ बबीता तक पहुंची। खेड़ी रांगड़ान के प्रविंद्र के बेटे से बबीता की बेटी की शादी कराने का बात तय की गई थी। पुलिस ने बताया कि वंश अपने पिता की इकलौती संतान था। उसके नाम करीब 100 बीघा जमीन थी। वंश की तीन बुआ हैं, जिनमें बड़ी बुआ बबीता दिल्ली के नारायणा में रहती है। उसने संपत्ति के लालच में अपनी बुआ गांव खेड़ी रांगड़ान निवासी तारो के बेटे योगेश के साथ वंश की हत्या करने की योजना बनाई। योगेश के मित्र प्रविंद्र को उसके पुत्र के साथ अपनी बेटी की शादी करने का लालच देकर योजना में शामिल कर लिया। बबीता ने योगेश और प्रविंद्र को वंश की हत्या करने के लिए बतौर सुपारी तीन लाख रुपये दिए थे। योगेश और प्रविंद्र ने मेरठ के अपराधी सतीश से संपर्क कर उसे तीन लाख रुपये की सुपारी दी। सतीश ने अपने भतीजे सूरज को वारदात में शामिल किया। इन लोगों ने गांव खेड़ी रांगड़ान निवासी उपेंद्र से संपर्क किया। उपेंद्र ने गांव के ही अजय उर्फ लुक्का को इस काम के लिए तैयार किया। सतीश ने दोनों को दो लाख रुपये दिए। एक लाख रुपये अपने पास रख लिए। सतीश और सूरज ने कई दिन तक वंश की रेकी की थी। इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से वंश की हत्या की गई।
लोहडडा निवासी वंश 30 नवंबर को घर से निकला तो अजय और उपेंद्र सरधन मोड़ पर खड़े हो गए। सूरज ने इसकी सूचना सतीश को दी। वंश ने सठेड़ी पार किया तो सतीश ने सूचना उपेंद्र को दी। जब वंश सरधन मोड़ की ओर चला तो अजय उर्फ लुक्का बाइक लेकर उसके पीछे पहुंच गया। बाइक को वंश की बाइक के बराबर में लगा दिया। अजय के पीछे बाइक पर बैठे उपेंद्र ने वंश को तमंचे से गोली मार दी। भतीजे की हत्या के बाद बबीता अपने सीधे-साधे भाई संजय तंवर को बहकाकर जमीन अपने नाम कराने की साजिश में जुटी थी। इस बीच पुलिस की जांच में वह फंस गई।