आजमगढ़ : जीडी ग्लोबल स्कूल में भव्य वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता 'आरंगम' का किया गया आयोजन

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खेल हमें फिट और सक्रिय रहने में मदद करता है-दीपाली भुस्कुटे, प्रधानाचार्या
आजमगढ़। जीडी ग्लोबल स्कूल में भव्य वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता 'आरंगम' का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना ने विद्यालय के कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल, प्रधानाचार्या दीपाली भुस्कुटे तथा उपप्रधानाचार्या मधु पाठक के साथ संयुक्त रुप से विद्यालय की ध्वाजा पताका को प्रसारित कर तथा मशाल जलाकर कर किया। विद्यालय के एन.सी.सी. कैडेट तथा विद्यालय के चारों सदन क्रमश: मार्स हाउस, यूरेनस हाउस, नेप्चून हाउस तथा वीनस हाउस के विद्यार्थियों ने अपने अपने हाउस का प्रतिनिधित्व करते हुए मार्च पास्ट कर मुख्य अतिथि को सलामी दी। कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल, प्रधानाचार्या दीपाली भुस्कुटे ने विशिष्ट अतिथि चिराग जैन पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को स्मृति चिह्न प्रदान करके सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि परीक्षित खटाना तथा कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल ने शांति, प्यार, और सौहार्द का प्रतीक श्वेत कपोत उड़ाकर कार्यक्रम का श्री गणेश किया। प्रधानमंत्री की संकल्पना 'गो ग्रीन' की संकल्पना को प्रसारित करते हुए कार्यकारी निदेशक तथा प्रधानाचार्या ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न तथा पौधा देकर सम्मानित किया। विद्यालय के कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल ने विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन तथा जिला जज अजय कुमार सिंह को स्मृति चिह्न भेंट किया और पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया। कक्षा 2,3 के बच्चों ने छतरी नृत्य (अम्ब्रेला डांस) प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया । क्रीडा समारोह में उपस्थित अतिथियों का स्वागत सीनियर वर्ग की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत करके किया। नन्हें-मुन्हें बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मनमोहक छटा बिखेरी। इस क्रीडा समारोह में जहां 200 मीटर रिले दौड़ में जूनियर वर्ग के छात्रों में नेप्चून सदन और छात्राओं में यूरेनस सदन प्रथम स्थान अर्जित किया वहीं सीनियर वर्ग में यूरेनस हाउस ने छात्र- छात्राओं दोनों वर्गों में प्रथम स्थान अर्जित करके विजय का परचम लहराया। 200 मीटर दौड़ प्राइमरी वर्ग में भी यूरेनस हाउस अव्वल रहा। 800 मीटर की दौड़ में छात्रों में यूरेनस हाउस ने अपनी विजय कीर्ति पताका फहरायी। जेबलिन थ्रो में सीनियर वर्ग में वीनस हाउस के छात्र ने जीत की बाजी मारी । वार्षिक क्रीडा समारोह में चारों सदन में यूरेनस सदन का दबदबा बना रहा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत करते हुए खेल को जीवन का अनिवार्य अंग बताया। उन्होंने कहा कि शारीरिक प्रतिस्पर्धा क्रीडा से हमारे जीवन में मानवता,सौहार्दता, सहिष्णुता अनुशासन, धैर्य तथा नेतृत्व की क्षमता का संवर्धन होता है। असफलता से हमें घबराना नहीं चाहिए बल्कि उससे सबक लेते हुए अगली बार और अधिक प्रयास करते हुए हमें निश्चित रूप से सफल होना चाहिए।उन्होंने ओज के कवि रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी की पंक्तियों को उद्धृत किया -"है कौन ! विघ्न ऐसा जग में, टिक सके आदमी के मग में, खम ठोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पाँव उखड़ । मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।" विशिष्ट अतिथि श्री चिराग जैन ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य छात्रों की शारीरिक क्षमताओं का विकास करना है, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ विभिन्न शारीरिक गतिविधियों को करने और उनका आनंद लेने में सक्षम हो सकें। विशिष्ट अतिथि जिला जज अजय कुमार सिंह ने पुरस्कृत प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि खेल शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देता है और छात्रों को खेलों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है इसलिए हमें अपनी व्यस्तम दिनचर्या में से शारीरिक गतिविधियों खेल, योगा आदि के लिए समय अवश्य निकालना चाहिए। विद्यालय के कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। खेल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है,खेल से हमें ऊर्जा मिलती है, क्रीडा के क्षेत्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बल्कि आवश्यकता है युवाओं को सही मार्गदर्शन की। उन्होंने कहा कि विद्यालय बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध और संकल्पित है। इस क्रम में शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं को शारीरिक गतिविधियों, विभिन्न खेलों आदि में भी प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया जाता है। विद्यालय की प्रधानाचार्या दीपाली भुस्कुटे ने कहा कि खेल हमें फिट और सक्रिय रहने में मदद करता है और जब हम टीम में खेलते हैं तो खेल अनुशासन, आत्मसम्मान, आत्म विश्वास और टीम वर्क की भावना विकसित करते हैं। जीतना और हारना खेल का ही एक हिस्सा है। खेल का आनंद लें और अच्छा खेलें, तभी आप असली विजेता होंगे। किसी भी अंत: विषयक कार्य में शामिल न हों, जो खेल भावना के प्रवाह को बाधित करे।

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