गबन के आरोपी अधिकारी को किया गया बर्खास्त

Youth India Times
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मुख्य विकास अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई से मचा हड़कंप
दो फर्मो को किया गया ब्लैक लिस्टेड
बलिया। फर्जी मस्टररोल भरकर सरकारी धन के गबन में दोषी पाए गए मनरेगा के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी(एपीओ) संजय कृष्ण भास्कर की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। विकासखंड मुरली छपरा के सुकरौली गांव में मनरेगा योजना अंतर्गत 2.90 लाख का गबन मिलने के बाद सीडीओ ओजस्वी राज ने यह कार्रवाई की है। इसके अलावा सीडीओ ने दो फर्मों को ब्लैक लिस्टेड भी किया है। जिले में मनरेगा एपीओ की सेवा समाप्ति की यह पहली कार्रवाई है। सुकरौली निवासी कृष्ण यादव पुत्र सुरेंद्र यादव ने मनरेगा योजना अंतर्गत फर्जी भुगतान की शिकायत की, जिसकी जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया। सीडीओ ओजस्वी राज ने प्रकरण की स्वयं जांच की, जिसमें 2.90 लाख का गबन पाया। मामले में दोषी पाए गए एपीओ संजय कृष्ण भास्कर की सेवा समाप्त कर दी गई है। दो फर्म हुई ब्लैकलिस्टेड-सीडीओ ओजस्वी राज ने दलकी नम्बर-1 में दो कार्यों, इब्राहिमाबाद उपरवार में दो कार्यों और सुकरौली गांव में चार कार्यों का स्थलीय सत्यापन किया। इसमें इब्राहिमाबाद उपरवार में तो कार्य संतोष जनक पाया गया, लेकिन शेष दोनों गांवों में कुल छह कार्यों की सामग्रियों की गुणवत्ता तकनीकी समिति (पीडब्ल्यूडी और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग) के मानक अनुसार संतोषजनक नहीं मिली। इस पर सामग्रियों की आपूर्ति करने वाली फर्म मेसर्स अनन्या इंटरप्राइजेज सुकरौली तथा मेसर्स कार्तिक इंटरप्राइजेज सुकरौली को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के निर्देश पर मनरेगा वेबसाइट पर ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। सीडीओ ओजस्वी राज की माने तो ग्रामीणों द्वारा मनरेगा कार्यों में अनियमितता की शिकायत हुई थी। मामले की जांच के दौरान मनरेगा के एपीओ गबन के दोषी पाए गए। साथ दो फर्मों द्वारा सामग्री की आपूर्ति मानक के विपरीत करने की बात सामने आईं। इस संबंध में एपीओ की सेवा समाप्ति के साथ ही दोनों फर्मों को काली सूची में डाल दिया गया है। मनरेगा में धांधली करने को किसी कीमत में बक्शा नहीं जाएगा।

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