राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चुनी गईं यह टीचर

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अकेले रौशन कर रहीं सैंकड़ों घर के दीपक

सुल्तानपुर। हमारे जीवन को आकार देने और बेहतर भविष्य का निर्माण करने में शिक्षकों की अहम भूमिका है. एक शिक्षक ऐसी मशाल है जो सैंकड़ों चिरागों को रौशन करता है. इसी महती कार्य में जुटी हैं सुल्तानपुर के केश कुमारी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रवक्ता डॉ. दीपा द्विवेदी. उन्होंने इनोवेशन के माध्यम से विषय को कुछ इस तरह रोचक बनाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उनको राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित कर लिया.
जहां एक ओर महिलाओं की अशिक्षा और पिछड़ेपन पर चर्चा होती है, वहीं कुछ महिलाएं समाज में प्रेरणास्रोत बनकर उभरती हैं. ऐसी ही मिसाल पेश की है सुल्तानपुर की डॉ. दीपा द्विवेदी ने. वे केश कुमारी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सुल्तानपुर में अध्यापिका हैं. उनके शिक्षण की विशेष शैली और बच्चों को सरल भाषा में समझाने के गुण के लिए उन्हें जिला और राज्य स्तर पर कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.
डॉ. दीपा द्विवेदी ने बताया कि वह अपनी शिक्षण शैली में नवाचार को समायोजित कर बच्चों के सामने पेश करती हैं ताकि बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित की जा सके. इसी नवाचार की शैली के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें ‘राज्य अध्यापक पुरस्कार’ के लिए चयनित किया गया. डॉ. दीपा इसका श्रेय अपने माता-पिता और प्राचार्य डॉ. पल्लवी सिंह को देती हैं.
हिंदी और शिक्षा शास्त्र में परास्नातक और एम.एड. डिग्रीधारक डॉ. दीपा ने अपने शिक्षण कौशल से समाज को नई दिशा दिखाई है. अपने माता-पिता को आदर्श मानने वाली डॉ. दीपा शैक्षिक कार्यों के साथ-साथ ‘नव पल्लव’ नामक पत्रिका का प्रकाशन भी करती हैं. अपने शैक्षिक कार्यों की बदौलत डॉ. दीपा ने जिला स्तर और राज्य स्तर के कई पुरस्कार हासिल किए हैं. इनमें मिशन शक्ति पुरस्कार, राज्य हिंदी संस्थान का पुरस्कार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत प्रशस्ति पत्र और जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा सम्मान पत्र शामिल हैं.

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