बड़ा भूमि घोटाला : 1000 लोगों को खेती की जमीन में काट दिए 500 प्लॉट, निवेशकों के फंसे 600 करोड़

Youth India Times
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खेती की भूमि पर आवासीय कॉलोनियों के नाम पर प्लॉट काटकर बेचने का बड़ा जमीन घोटाला

अलीगढ़। अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे की खेती की भूमि पर आवासीय कॉलोनियों के नाम पर प्लॉट काटकर बेचने का बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। यीडा (यमुना विकास प्राधिकरण) ने इस क्षेत्र के 90 गांवों में आवासीय प्लाटिंग पर रोक लगाई हुई है। इसके बाद भी पिछले कुछ सालों में करीब 1000 लोगों को 600 करोड़ रुपये से अधिक के प्लॉट बेच दिए गए। प्रारंभिक पड़ताल में ऐसे प्लॉटों की संख्या 500 बताई जा रही है। 12 जनवरी को यहां हुई कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई के बाद प्लॉट के खरीदारों में खलबली मच गई है। दरअसल, यीडा के मास्टर प्लान फेज दो में टप्पल क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। टप्पल और मथुरा के बाजना क्षेत्र में अर्बन सेंटर और लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित 90 गांवों में आवासीय और व्यावसायिक उद्देश्य से प्लाटिंग नहीं हो सकती। इसके बाद भी सर्किल रेट से पांच गुना ज्यादा दामों में जमीन बेच दी गई है। फिलहाल कॉलोनाइजरों के शिविरों से बरामद एक दर्जन लैपटॉप की अभी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद कुछ और बड़े खुलासे भी हो सकते हैं। अवैध प्लाटिंग में आधा दर्जन से अधिक प्रॉपर्टी कारोबार और रीयल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी बड़ी कंपनियों के नाम सामने आ रहे हैं।
यमुना एक्सप्रेस-वे बनने के बाद ही टप्पल क्षेत्र की जमीन पर भूमाफिया की नजर टिक गई थी। जैसे-जैसे इससे जुड़ने वाली सड़कों का निर्माण हुआ रियल एस्टेट की कई कंपनियां सक्रिय हो गईं। उन्होंने गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नोएडा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर समेत एनसीआर के कई शहरों में टप्पल में प्लॉट की बिक्री का प्रचार शुरू कर दिया। टप्पल से लगे जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, डिफेंस कॉरीडोर, ट्रांसपोर्ट नगर, राज्य विश्वविद्यालय आदि की सुविधाओं का भी प्रचार किया गया, जिससे खरीदार प्रभावित हुए। टप्पल में कॉलोनी बसाने के लिए हो रही प्लाटिंग की जांच चल रही है। अब तक की जांच में पता चला है कि एनसीआर के कई शहरों के लोगों ने यहां आवास के लिए प्लॉट खरीदे हैं। कॉलोनाइजरों के लैपटॉप और नक्शों की जांच चल रही है।- महिमा राजपूत, एसडीएम खैर
टप्पल में प्लॉट बेचने के लिए लगाए गए शिविरों में बरामद हुए लैपटॉप तथा नक्शों की जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।- विशाख जी. जिलाधिकारी
कॉलोनाइजरों ने खरीदारों को प्लॉट दिखाने के लिए रविवार का दिन तय किया था। प्रत्येक रविवार को शिविर लगाकर खरीदारों को बुलाया जाता था। इस दिन अधिकांश कारपोरेट सेक्टर से जुड़े लोगों की छुट्टी होती है और यह लोग यहां आसानी से आ भी जाते हैं। 12 जनवरी को भी टप्पल में कई क्षेत्रों में शिविर लगाकर प्लाटों की बुकिंग की जा रही थी। टप्पल में यमुना एक्सप्रेस-वे के आसपास खेती के लिए जमीन का सर्किल रेट 4300 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर है, जबकि कॉलोनाइजरों ने यह जमीन आवासीय प्लॉट के लिए 25 हजार रुपये प्रति स्क्वायर मीटर तक के दामों में बेच दी। जबकि एक्सप्रेस-वे के किनारे बसे 90 गांवों में जमीन फिलहाल कृषि कार्य के लिए है। यह धंधा कई साल से चल रहा था, लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के बाद प्लॉट खरीदने वालों का पैसा फंस चुका है। अभी टप्पल की जमीन को लेकर यीडा की योजना भी आएगी, जिसके बाद जमीन का स्वरूप तय होगा। यदि प्लॉट खरीदने वाले जमीन को बेचेंगे तो उन्हें सर्किल रेट के अनुसार ही पैसा मिलेगा। यीडा के मास्टर प्लान फेज-दो में टप्पल अर्बन सेंटर के अलावा मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब भी प्रस्तावित है। लॉजिस्टिक हब के लिए जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव पूर्व में ही अलीगढ़ जिला प्रशासन को भेजा जा चुका है। टप्पल -बाजना अर्बन सेंटर के लिए यीडा ने दो भागों में कुल 1512.6383 हेक्टेयर भूमि अर्जन करने का प्रस्ताव भेजा है।

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