यूपी के इन 10 पुलिसवालों को करना पड़ेगा सीबीसीआईडी की जांच का सामना

Youth India Times
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दलित छात्र उत्पीड़न और स्पा और मसाज सेंटर की आड़ में चल रहे आपत्तिजनक रैकेट से जुड़ा मामला

नोएडा। कानून की पढ़ाई कर रहे दलित छात्र को पीटने और उसके उत्पीड़न के मामले में घिरे आरोपी इंस्पेक्टर अनिल राजपूत, दरोगा देवेंद्र राठी, अनुज कुमार समेत 10 पुलिस कर्मियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शासन के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई है। सीबीसीआईडी की लखनऊ यूनिट पूरे प्रकरण की जांच करेगी। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर बीटा-2 थाना क्षेत्र में रहने वाले दलित छात्र का आरोप था कि उसने गौतमबुद्ध नगर पुलिस को एक स्पा और मसाज सेंटर की आड़ में चल रहे आपत्तिजनक काम के रैकेट के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद स्पा की मालकिन को जून 2021 में नोएडा के सेक्टर-49 पुलिस स्टेशन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद महिला ने उस पर उगाही के आरोप लगाए।
सेक्टर बीटा-2 पुलिस ने 18 नवंबर 2022 को छात्र को पीटा और उस पर उगाही का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि पिटाई के दौरान पुलिस कर्मियों ने उसे पेशाब भी पिलाने का प्रयास किया, जिसकी रिकॉर्डिंग उसके मोबाइल फोन के कैमरे में हो गई। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। मामला तूल पकड़ने के बाद इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें सेक्टर बीटा-2 कोतवाली के तत्कालीन थाना प्रभारी अनिल राजपूत समेत 10 पुलिसकर्मी नामजद किए गए। बीए एलएलबी सेकेंड ईयर का यह छात्र मूलरूप से अलीगढ़ का रहने वाला है। इस मामले की जांच अब तक नोएडा पुलिस कर रही थी, लेकिन अब शासन ने इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी है। सीबीसीआईडी मामले में नामजद आरोपी अनुज कुमार गौतमबुद्ध नगर जिले के एक थाने में तैनात थे, जिन्हें एक सप्ताह पहले कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में कमिश्नर ने लाइन हाजिर किया है। पुलिसकर्मी अनिल राजपूत वर्तमान में गाजियाबाद और देवेंद्र राठी बरेली में तैनात हैं, अन्य पुलिसकर्मी भी गौतमबुद्ध नगर और आसपास के जिलों में तैनात हैं।

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