आजमगढ़ ब्रेकिंग : एक्शन में दिखे मण्डलायुक्त विवेक

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लिपिक की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने, प्रधानाचार्य को हटाने की संस्तुति सहित उपश्रमायुक्त एवं श्रम प्रवर्तन अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब, सहायक श्रमायुक्त के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही का निर्देश
औचक निरीक्षण के क्रम में अनियमिततायें मिलने पर सख्त दिखे मण्डलायुक्त

आजमगढ़। मण्डलायुक्त विवेक ने अपने औचक निरीक्षण के क्रम में सोमवार को तहसील सदर अन्तर्गत ग्राम गंभीरवन स्थिति अटल आवासीय विद्यालय का औचक निरीक्षण किया जहॉं अनेक अनियमिततायें पाई गयीं। उन्होंने देर सायं तक चले निरीक्षण के दौरान विद्यालय में पाई गयी भारी अनियमितताओं पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए उप श्रमायुक्त राजेश कुमार एवं श्रम प्रवर्तन अधिकारी देवेन्द्र सिंह को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही विद्यालय के नोडल अधिकारी सहायक श्रमायुक्त पवन कुमार सोनकर के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किए जाने तथा प्रधानाचार्य ब्रज किशोर नरायन सिंह को विद्यालय से हटाने की संस्तुति प्रेषित किए जाने का निर्देश दिया। इसके अलावा विद्यालय में तैनात एक लिपिक आशुतोष राय जिसे लाइब्रेरियन का भी दायित्व सौंपा गया था, के विरुद्ध कई गंभीर शिकायतें मिलने पर मण्डलायुक्त ने उसकी सेवा को तत्काल प्रभाव से समाप्त किए जाने का भी निर्देश दिया।
मण्डलायुक्त विवेक ने विद्यालय में छात्र छात्राओं से सीधे संवाद कर पठन पाठन, आवासीय सुविधाओं, भोजन, हास्टल में मिलने वाली सुविधाओं, पाठ्य सामग्री की उपलब्धता, खेलकूल, स्टेशनरी, विद्यालय और हास्टल की साफ सफाई आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने अपने निरीक्षण के क्रम में सबसे पहले कतिपय कक्षाओं में जाकर बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता का जायजा लिया। उनके द्वारा पूछे गये सामान्य प्रश्नों का उत्तर दिया गया। कक्षाओं के बच्चों द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हें एक साल में 12 कापियॉं तथा दो कलम ही दिये गये हैं। इसके अलावा जो बैग दिये गये थे वे फट गये हैं, पीने के लिए आरओ का पानी उपलब्ध नहीं होता है। खेल के मैदान में जमीन से काफी कंकर निकल रहे हैं, जिससे खेलने में प्राय: चोट लग जाती है। छात्र छात्राओं द्वारा यह भी बताया गया कि हास्टल की हफ्ते में दो तीन बार ही सफाई होती है, जबकि प्रतिदिन सफाई होनी चाहिए। यह भी बताया गया कि साफ सफाई के लिए झाड़ू, नहाने के लिए साबुन, शैम्पू तथा तेल, ब्रश, टूथपेस्ट आदि भी नहीं दिया जा रहा है। छात्राओं द्वारा बताया गया कि भण्डार पाल द्वारा पहले उन्हें 6-6 साबुन दिये गये थे, परन्तु बाद में 2-2 साबुन वापस ले लिए गये गये। इसके अलावा छात्र छात्राओं द्वारा भोजन मीनू के अनुसार नहीं दिये जाने तथा भोजन की क्वालिटी अत्यन्त खराब होने आदि सहित कई अन्य शिकायतें की गयी।
मण्डलायुक्त ने छात्र, छात्राओं से प्राप्त शिकायतों की पुष्टि के लिए पूरे टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को प्रिन्सिपल के चैम्बर में एकत्र कर सम्पादित कार्यों की समीक्षा किया तो कई अनियमिततायें प्रकाश में आईं तथा छात्र छात्राओं द्वारा की कई अधिकांश शिकायतों की पुष्टि हुई। उन्होंने भोजन के सम्बन्ध में प्राप्त शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में मेस में जाकर भोजन की गुणवत्ता को स्वयं परखा तो पाया कि चावल अत्यन्त खराब क्वालिटी का पकाया गया है, जिससे खराब महक आ रही थी तथा उसमें काफी मात्र में कंकर पत्थर भी पाये गये। इसी प्रकार सब्जी और दाल में बहुत अधिक पानी मिलाकर बिल्कुल पतला बनाया गया है। मण्डलायुक्त द्वारा भोजन की लाइन में बच्चों से भोजन के सम्बन्ध में जानकारी करने पर बताया गया कि मीनू में फल, दही, सलाद, पनीर, दूध आदि कई प्रकार की खाद्य सामग्री का प्राविधान है, परन्तु उन्हें मीनू के अनुसार भोजन कभी नहीं मिलता है। फल के नाम पर कभी कभी उन लोगों को केवल केला ही दिया जाता है, अन्य कोई फल नहीं दिया जाता है। सुबह जो चाय दी जाती है उसमें केवल पानी और चीनी ही रहती है, दूध और चाय पत्ती नाम मात्र की होती है। यह भी विदित हुआ कि लन्च का टाइम 1.40 बजे का है परन्तु निरीक्षण के समय बच्चे 2.25 बजे अर्थात आधा घण्टा से अधिक समय से लाइन में खड़े पाये गये।
मण्डलायुक्त विवेक ने इसके बाद ब्वायज हास्टल एवं गर्ल्स हास्टल का भी मुआयना किया, जहॉं साफ सफाई की स्थिति अन्यन्त खराब पाई गयी। ब्वायज हास्टल के शौचालय में लगे चार वाश बेसिन में से एक की टोंटी टूटी हुई थी, दो की मेन पाइप गायब थी, केवल एक वाश बेसिन संचालित था। इसी प्रकार शौचालयों का फ्लश खराब था, उसकी सफाई भी कई दिनों से नहीं की गयी थी। गर्ल्स हास्टल की भी साफ सफाई काफी खराब पाई गयी। कई बेडशीट काफी गन्दी मिली। हास्टल, डाइनिंग हाल, किचन आदि के निरीक्षण के समय यह तथ्य भी संज्ञान में आया कि प्रधानाचार्य द्वारा सोमवार को आधे दिन की छुट्टी कर दी गयी है, जबकि इसके लिए न तो कोई शासनादेश निर्गत हुआ है और न ही उच्च स्तर से इसकी अनुमति ही प्राप्त की गयी है। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर सख्त नाराजगी व्यक्त किया तथा इसे प्रधानाचार्य द्वारा मनमानी किए जाने स्वेच्छाचारिता का दोषी माना। यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि नोडल अधिकारी सहायक श्रमायुक्त द्वारा गत 3 दिसम्बर को विद्यालय का निरीक्षण किया गया था, परन्तु एक माह से अधिक समय व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी उनके द्वारा निरीक्षण आख्या उच्च अधिकारी को प्रेषित नहीं की गयी है।
मण्डलायुक्त द्वारा तीन घण्टे से अधिक समय तक उक्त अटल आवासीय विद्यालय के किए गये निरीक्षण के दौरान मुख्य प्रवेश द्वार की सीढ़ियों पर बैठ कर विद्यालय के समस्त स्टाफ के समक्ष पुन: छा़त्र छात्राओं से उनकी समस्याओं की जानकारी की तो उपस्थित समस्त छात्र छात्राओं द्वारा अपनी शिकायतों को पूरे स्टाफ के सामने दोहराया गया। मण्डलायुक्त विवेक ने विद्यालय में पाई गयी अनियमितताओं पर गंभीर रुख अपनाया तथा नियमिति रूप से विद्यालय का निरीक्षण नहीं किए जाने, विद्यालय की व्यवस्थाओं के प्रति उदासीनता बरतने के कारण उप श्रमायुक्त राजेश कुमार तथा श्रम प्रवर्तन अधिकारी देवेन्द्र सिंह को इस सम्बन्ध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने उप श्रमायुक्त को यह भी निर्देश दिया कि पाक्षिक रूप से विद्यालय का निरीक्षण करें तथा निरीक्षण आख्या के साथ स्वयं उपस्थित होकर वस्तुस्थिति से अवगत कराते रहें। इसी प्रकार नोडल अधिकारी होने के बावजूद विद्यालय का नियमित रूप से निरीक्षण नहीं किए जाने, निरीक्षण आख्या उच्च अधिकारी को समय प्रेषित नहीं किए जाने, छात्र छात्राओं की समस्याओं के प्रति गंभीरता नहीं बरते जाने, अनियमितताओं के प्रति उदासीनता बरतने, पर्यवेक्षणीय दायित्वों का शिथिल निर्वहन किए जाने आदि कारणों से सहायक श्रमायुक्त पवन कुमार सोनकर के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किए जाने संस्तुति शासन को प्रेषित किए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने मनमाने ढंग से विद्यालय में अवकाश घोषित करने, अधीनस्थ कार्मिकों द्वारा की गयी अनियमितताओं पर कोई कार्यवाही नहीं किए जाने, छात्र छात्राओं से उनकी समस्याओं को दूर कराने हेतु कोई कार्यवाही नहीं किए जाने, भोजन, साफ सफाई, पाठ्य सामग्री व अन्य व्यवस्थायें मानक के अनुरूप उपलब्ध नहीं करा पाने का दोषी मानते हुए प्रधानाचार्य ब्रज किशोर नरायन सिंह को विद्यालय से हटाने के लिए तत्काल संस्तुति प्रेषित किए जाने तथा गंभीर अनियमितता किए जाने का दोषी पाते हुए लिपिक/लाइब्रेरियन आशुतोष राय की सेवा को तत्काल समाप्त किए जाने हेतु निर्देशित किया। मण्डलायुक्त विवेक ने निरीक्षण के दौरान बच्चों से सीधे संवाद करते हुए उन्हें मेहनत, लगन, आपसी सामन्जस्य के साथ पढ़ाई करने हेतु प्रेरित भी किया गया।

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