प्रयागराज। सुप्रीम कोर्ट से प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को तगड़ा झटका लगा है। फर्जी डिग्री के खिलाफ दाखिल पुनरीक्षण याचिका को खारिज करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। साथ ही नए सिरे से गुण-दोष के आधार पर सुनवाई के लिए मामले को हाईकोर्ट वापस भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने उक्त मामले में सुनवाई की है। आरटीआई कार्यकर्ता व याची दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पर फर्जी डिग्री के आधार पर पेट्रोल पंप की डीलरशिप हासिल करने और 2007 विधानसभा चुनाव के नामांकन में गलत हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया था। साथ ही एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी। याची की अर्जी को इलाहाबाद जिला अदालत की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद देरी के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याची की पुनरीक्षण याचिका भी रद्द कर दी थी। फिर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याची ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कोर्ट ने अपील स्वीकार करते हुए कहा कि महज एक महीने की देरी के आधार पर पुनरीक्षण याचिका खारिज नहीं की जानी चाहिए थी। वह भी तब जब डेंगू से पीड़ित होने का ठोस कारण बताते हुए याची ने देरी के लिए माफी की अर्जी दाखिल की थी। लिहाजा, याची की पुनरीक्षण याचिका पर गुण-दोष के आधार पर सुनवाई कर फैसला सुनाया जाना चाहिए था।