इमरजेंसी के विरोध में दस साथियों के साथ मुहम्मदाबाद में हुई थी गिरफ्तारी
आजमगढ़। इमरजेंसी के दौरान सरकार के नितियों के विरुद्ध आवाज उठाने वाले लालसा पांडेय सोमवार को जिंदगी की लड़ाई हार गए। ज्ञात हो कि लालता पांडेय का 3 दिन पहले हार्ट अटैक के बाद बीएचयू में इलाज के दौरान सोमवार को निधन हो गया, मंगलवार को उनके निवास नसरुद्दीनपुर सठियांव में नायब तहसीलदार वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व गार्ड आॅफ आॅनर के साथ अंतिम विदाई दी गई।
1975 में लालसा पांडेय को स्व० रामधनद राय, स्व० भुपतलाल, स्व० कमला प्रसाद पांडेय, ओमप्रकाश राय, रमाकांत पाण्डेय, त्रिभुवन राय, हरिश्चंद्र राय, अमरनाथ पांडेय, योगेंद्र पांडेय लोगों के साथ मुहम्मदाबाद में गिरफ्तारी के बाद जेल भेज दिया गया था। काफी कम उम्र में सरकार की इमरजेंसी नीत के खिलाफ लालसा प्रसाद पांडेय ने साथियों के साथ लड़ाई लड़ी थी। स्व० ललित पांडेय के दो पुत्र योगेश व मुकेश पांडेय तथा दो पुत्रियां अंजू ओझा, संजू पाठक के साथ पत्नी भरा-पूरा परिवार छोड़कर गए हैं। ज्ञात हो कि 65 वर्षीय लालता पांडेय के 1975 में इंदिरा सरकार की इमरजेंसी के खिलाफ काफी कम उम्र में नीतियों का विरोध कर लड़ाई लड़ें थे । इस मौके पर मुबारकपुर प्रभारी निहार नंदन, रामजी पांडेय, विशाल ओझा, अजीत कुमार पांडेय, चंद्रशेखर सिंह, प्रणव गोपाल पांडेय, अजीत पांडेय, अभिषेक यादव, कमला पांडेय सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।