महाकुंभ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रयागराज महाकुंभ में मंत्रिमंडल की बैठक करके और एनडीए के सहयोगी दलों के मंत्रियों के साथ गंगा में डुबकी लगाकर विपक्ष के इस आरोप को चतुराई से खारिज करने की कोशिश की कि भाजपा के सहयोगी दल उससे अलग हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में कैबिनेट की बैठक करने के बाद उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा अन्य मंत्रियों के साथ बैठक में लिये गये फैसलों पर संवाददाताओं को संबोधित किया. बाद में सीएम योगी ने अपने मंत्रियों के साथ फोटो खिंचाई और अचानक उन्होंने राजग के सहयोगी दलों के नेताओं और कैबिनेट मंत्रियों अपना दल (सोनेलाल) के नेता आशीष पटेल और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद को बुलाया.
उन्होंने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल को बुलाते हुए कहा, 'अरे, कहां पीछे छुपे हैं आशीष पटेल जी?' सीएम योगी की यह बात खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आशीष पटेल ने हाल ही में कई बार वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों पर अपने खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था.
राजग के एक अन्य सहयोगी दल निषाद पार्टी के नेता और प्रदेश के काबीना मंत्री संजय निषाद पिछले साल 20 नवंबर को हुए उपचुनाव में कटेहरी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार उतारना चाहते थे लेकिन भाजपा द्वारा इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतारे जाने से वह कथित रूप से नाराज थे.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ सहयोगी और प्रदेश के अल्पसंख्यक एवं पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर को भी अहमियत दी गई. मुख्यमंत्री पिछड़े वर्गों के एक अन्य मंत्री अनिल राजभर का भी जिक्र करना नहीं भूले जो पूर्व में ओम प्रकाश राजभर की आलोचना करते रहे हैं. सीएम ने अपनी पार्टी के नेता और वाराणसी से विधायक अनिल राजभर को पुकारते हुए कहा, 'अनिल कहां हैं, अनिल.'
भाजपा की तीनों सहयोगी पार्टियां-- अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी-- प्रदेश में राजनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण अन्य पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हैं. मुख्यमंत्री का इन पार्टियों के मंत्रियों को तवज्जो देना और भी ज्यादा अहम है क्योंकि भाजपा पांच फरवरी को अयोध्या में महत्वपूर्ण मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए तैयार है.