कानपुर। कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र में रविवार रात संदिग्ध हालात में दंपती ने जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर परिजन दोनों को अस्पताल पहुंचाया। वहां इलाज के दौरान देर रात दोनों की मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक साढ़े तीन वर्ष पहले दोनों ने प्रेम विवाह किया था। दोनों अपनी जिंदगी में खुश थे। ऐसे में इतने बड़ा कदम आखिर क्यों उठाया, यह समझ में नहीं आ रहा है। फिलहाल दोनों के परिजनों ने किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं लगाया है।
आवास विकास हंसपुरम निवासी सुधीर तिवारी बिजली का काम करते थे। उनकी बेटी सलोनी (24) की शादी 24 अक्तूबर 2021 को मूलरूप से घाटमपुर के बावन गांव के ट्रक चालक अलकेश सचान (25) से हुई थी। वर्तमान में अलकेश पत्नी सलोनी और परिवार के साथ पनकी थानाक्षेत्र के कैपिटल विहार पतरसा गांव में किराये के मकान में रह रहा था। सलोनी की मां कमला तिवारी ने बताया कि सलोनी पांच बहनों ट्विंकल, सांवली, रिया व दिया में सबसे बड़ी थी।
पहले वह गोविंदनगर स्थित एक शोरूम में काम करती थी। अब वह घर में कामकाज संभालती थी। वहीं, शटरिंग का काम करने वाले अलकेश के पिता अरविंद सचान ने बताया कि अलकेश बड़ा और अतुल छोटा बेटा है। एक बेटी अनिका है। अलकेश की मां सरिता गृहिणी हैं। आगे बताया कि दोनों लोग मकान मालिक धर्मेंद्र दीक्षित के मकान में पिछले सात माह से किराये पर रह रहे थे।
रविवार रात करीब 10 बजे खाना पीना खाने के बाद सलोनी और अलकेश कमरे में गए और जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगड़ने पर इधर-उधर कमरे में छटपटाने लगे। किसी तरह दरवाजा खोलकर बाहर आए तो उल्टियां शुरू हो गई। इस पर सलोनी के घरवालों को सूचना देकर दोनों को हैलट ले जाया गया। वहां देर रात करीब 12 बजे के इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। पनकी थाना प्रभारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
सलोनी की शादी को सात साल से कम का वक्त हुआ है। इसलिए नियमानुसार मजिस्ट्रेट को सलोनी का पंचायतनामा भरना होता है। कमिश्नरी बनने के बाद डीसीपी को भी यह अधिकार है, लेकिन बिल्हौर गए थे। इसके चलते सलोनी का पंचायतनामा नहीं भरा जा सका। वहीं, परिजन भी दोनों के साथ-साथ पोस्टमॉर्टम कराए जाने की बात कह रहे थे, इसलिए पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका। अब मंगलवार को दोनों के शवों का पोस्टमार्टम होगा।
सलोनी और अलकेश की शादी को करीब साढ़े तीन वर्ष का वक्त हो चुका था, लेकिन उनके कोई संतान नहीं थी। आसपास के लोगों ने संतान न होने से परेशानी को भी दंपती के जान देने का संदेह जताया। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस की जांच में दंपती के खुदकुशी करने की वजह साफ नहीं हुई है। अंतिम संस्कार के दोनों परिवारों ने बातचीत कर मामले की तह तक जाने की कोशिश की जाएगी।
नौबस्ता के आवास विकास हंसपुरम निवासी सुधीर तिवारी की बेटी सलोनी गोविंद नगर में कपड़े के एक शोरूम में काम करती थी। घर से गोविंद नगर वह सवारी वाहन से आती-जाती थी। इसी दौरान सलोनी और अलकेश की मुलाकात हुई थी। धीरे-धीरे से दोनों में प्रेम संबंध हो गए। जाति और धर्म की दीवार लांघकर दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया था। कुछ दिन बाद दोनों परिवार एक दूसरे के घर में आने जाने लगे थे।
सलोनी की मां सरिता देवी ने बताया कि उनकी दामाद से लगातार बात होती थी। इस बार उसने शहर आने पर उनके पास आकर रुकने की बात कही थी। सरिता देवी ने बताया कि ब्राह्मण और कुर्मी होने की वजह से परिवार वालों ने पहले विरोध किया था लेकिन बेटी की खुशी की वजह से उन्होंने शादी करवा दी थी।
पड़ोसियों ने बताया कि अलकेश सलोनी को बहुत प्यार करता था। वह ट्रक चलाकर जो भी कमाई करता था उसे अपने माता-पिता को भी देता था। इसकी वजह से सलोनी की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही थीं। फिर भी सलोनी पति से विवाद नहीं करती थी। फॉरेंसिक टीम को दोनों के हाथ की अंगुलियों पर सल्फॉस की दुर्गंध मिली है। साथ ही लार के लक्ष्ण भी मिले हैं। ऐसी स्थिति में फॉरेंसिक टीम का मानना है कि दोनों ने एक दूसरे को सल्फॉस की गोली खिलाने के बाद पानी पिया। वहीं चेहरे पर आंसू के निशान मिले हैं, जिससे साफ है कि दोनों सल्फॉस खाने से पहले गले मिलकर रोए भी।