प्रदेश में 11 डिप्टी एसपी के हुए तबादले

Youth India Times
By -
2 minute read
0





6 प्रशिक्षु डिप्टी एसपी को मिली नियमित तैनाती
लखनऊ। डीजीपी मुख्यालय ने सोमवार को 11 डिप्टी एसपी का तबादला कर दिया। इसके अलावा जिलों में व्यवहारिक प्रशिक्षण पूरा कर चुके 6 डिप्टी एसपी को नियमित तैनाती प्रदान की गई है। डीजीपी मुख्यालय से जारी आदेश के मुताबिक मुख्यमंत्री सुरक्षा में तैनात नितेश प्रताप सिंह को बिजनौर और राजीव प्रताप सिंह को हमीरपुर भेजा गया है। सुरक्षा मुख्यालय में तैनात अंकित कुमार-प्रथम को हरदोई, आगरा कमिश्नरेट में तैनात आस्था जायसवाल को आजमगढ़, लखनऊ कमिश्नरेट में तैनात जयेंद्र नाथ अस्थाना को हाथरस, कुंभ मेला में तैनात संदीप कुमार वर्मा को कासगंज, रामकृष्ण चतुर्वेदी को चित्रकूट (मंडलाधिकारी), महेंद्र सिंह देव को अभिसूचना मुख्यालय और डॉ. कृष्ण गोपाल सिंह को फतेहपुर भेजा गया है। अभिसूचना मुख्यालय में तैनात सुशील कुमार सिंह को लखनऊ का मंडलाधिकारी बनाया गया है। गोरखपुर में तैनात प्रशाली गंगवार को नोएडा कमिश्नरेट भेजा गया है।
राज्य कर विभाग में उत्कृष्ट, सराहनीय और सत्यनिष्ठा से काम करने वाले कर्मचारियों को चिह्नित किया जा रहा है। इन कर्मचारियों के प्रोत्साहन के लिए मानदेय के रूप में इन्हें 375 रुपये दिए जाएंगे। भ्रष्ट और अनुशासनहीन कर्मचारी को अगर इनाम मिला तो सीधे एडीशनल कमिश्नर पर कार्रवाई होगी।
राज्य कर विभाग में शानदार काम करने वाले कर्मचारियों को दिए जाने वाले मानदेय का आवंटन प्रत्येक जोन के आहरण व वितरण अधिकारी को अलग से किया जा रहा है। ये धनराशि अपने-अपने जोन के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को दी जाएगी। इसके लिए शासन ने गाइडलाइन तय की है। राज्य कर आयुक्त डॉ. नितिन बंसल की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कुल कर्मचारियों में से अधिकतम 20 फीसदी को ही ये मानदेय दिया जाए। वाहन चालकों को मानदेय नहीं दिया जाएगा, क्योंकि उन्हें हर वर्ष एक महीने का अतिरिक्त मानदेय दिया जाता है।
मानदेय के मद में प्रत्येक कर्मचारी को अधिकतम 375 रुपये ही दिए जाएंगे। ये धनराशि कर निर्धारण, विशेष अनुसंधान शाखा, चेक पोस्ट, अपील, राज्य प्रतिनिधि और अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या में अनुपात में दी जाएगी ताकि अच्छे कर्मचारियों के नाम सामने आ सकें। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट वर्क्स, कॉरपोरेट सेल में उत्कृष्ट काम करने वाले तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए अलग से मानदेय की राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
राज्य कर आयुक्त ने ये भी निर्देश दिए हैं कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को मानदेय देने की प्रवृत्ति में बदलाव लाएं और ऐसे ही कर्मचारियों को 375 रुपये दें जिन्होंने वास्तव में सराहनीय काम किया हो। इससे उन्हें वास्तविक प्रोत्साहन मिल सकेगा। जोनल आयुक्तों को इस परिपाटी से भी बचने की हिदायत दी गई है जिसमें पिछले साल प्रोत्साहन राशि पाने वाले कर्मचारियों को छोड़कर बाकी बचे कर्मचारियों को दे दिया जाए। इससे मानदेय देने का उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा। यदि ऐसे कर्मचारी को मानदेय स्वीकृत हो जाता है जिसके विरुद्ध कोई अनियमितता पाई गई तो संबंधित एडीशनल कमिश्नर जिम्मेदार होंगे।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)