मऊ। माफिया मुख्तार अंसारी का कुख्यात शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया, जिस पर ढाई लाख रुपये का इनाम था, शनिवार देर रात झारखंड के जमशेदपुर में यूपी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया। इस एनकाउंटर में यूपी पुलिस के डीएसपी डीके शाही सहित कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। घायल डीएसपी को टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
घटना शनिवार रात करीब 11:30 बजे जमशेदपुर के गोविंदपुर इलाके में हुई। यूपी एसटीएफ को सूचना मिली थी कि अनुज कन्नौजिया जनता मार्केट के पास एक घर में छिपा हुआ है। इसके बाद एसटीएफ ने इलाके की घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही अनुज ने हमला बोल दिया और बम फेंकने के साथ-साथ गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने भी गोलियां चलाईं। कई राउंड फायरिंग के बाद अनुज मारा गया।
अपराध की लंबी फेहरिस्त
अनुज कन्नौजिया पर यूपी, बिहार और झारखंड में हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूट जैसे गंभीर अपराधों के तहत कई मुकदमे दर्ज थे। मऊ जिले के विभिन्न थानों में उसके खिलाफ करीब 23 मामले दर्ज थे, जिनमें कोतवाली थाने में 6, रानीपुर में 5, चिरैयाकोट में 3 और दक्षिण टोला थाने में 2 मुकदमे शामिल हैं। गाजीपुर जिले के दुल्लहपुर थाने में भी उसके खिलाफ 3 मामले दर्ज थे। वह माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी और उसका शार्प शूटर माना जाता था।
आतंक का पर्याय था अनुज
एक समय मऊ जिले में अनुज का इतना खौफ था कि लोग उसकी दहशत में दुकानों के बोर्ड से अपने मोबाइल नंबर तक मिटवा देते थे। खासकर रानीपुर और चिरैयाकोट थाना क्षेत्र के बाजारों में उसका आतंक चरम पर था। होली से पहले चिरैयाकोट बाजार में उसने एक हीरो होंडा एजेंसी संचालक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा 2009-10 में एक बड़े ठेके को मैनेज करने में अड़चन डाल रहे इंजीनियर की हत्या भी अनुज ने की थी।
जेल से छूटने के बाद फिर अपराध
पुलिस ने अनुज को गिरफ्तार कर मऊ जिला जेल भेजा था, जहां से उसे गोरखपुर कारागार और फिर मेरठ जेल स्थानांतरित किया गया। 2016 में मेरठ जेल से उसकी जमानत हो गई। 2019 में मऊ के तरंवा ऐराकला गांव में एक हत्या के मामले में उसे मुख्तार अंसारी समेत 11 लोगों के साथ आरोपी बनाया गया था। तब से वह फरार चल रहा था।
संपत्ति कुर्की का भी इतिहास
21 सितंबर 2021 को कोर्ट के निर्देश पर अनुज की चल-अचल संपत्ति को मऊ के बहलोलपुर नवापुरा में कुर्क कर लिया गया था। तत्कालीन एसपी के अनुसार, मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ तरंवा थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें अनुज फरार था। कोर्ट में पेश न होने पर गैंगस्टर कोर्ट ने उसकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था।