विद्यालय न केवल पुस्तकीय ज्ञान अपितु जीवन जीने की कला भी सिखाता है-मंडलायुक्त
आजमगढ़। करतारपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल का 12वां स्थापना दिवस भव्यपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों तथा अभिभावकों के स्वागत समारोह से हुआ। स्थापना दिवस के इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विवेक आयुक्त आजमगढ़ मंडल, विशिष्ट अतिथि डॉ गयास अहमद पूर्व प्राचार्य शिब्ली नेशनल पीजी कालेज, अखिलेश मिश्र सदस्य राज्य कार्यकारिणी समिति भाजपा उत्तर प्रदेश तथा विद्यालय की निदेशिका स्वाति अग्रवाल, प्रबंधक गौरव अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल एवं प्रधानाचार्या दीपाली भुस्कुटे के साथ संयुक्त रूप से मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का श्री गणेश किया। अभिभावकों एवं अतिथियों का स्वागत विद्यालय के सीनियर वर्ग के बच्चों ने संगीत के वाद्ययंत्र के मधुर तरंगों की तान से किया जिसने सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जहां प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने मुख्य अतिथि मण्डलायुक्त विवेक को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। वहीं विद्यालय के कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल ने विशिष्ट अतिथि अखिलेश मिश्र को पुष्पगुच्छ तथा स्मृति चिन्ह भेंट किया। प्रधानाचार्या दीपाली भुस्कुटे ने शिब्ली कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ गयास अहमद को पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज विद्यालय के बच्चों ने स्वागत गीत की प्रस्तुति से की। मुख्य अतिथि वर्ष भर नियमित रूप से उपस्थित रहने वाले छात्रों को पुरस्कृत करते हुए उन्हें उनके लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को जिज्ञासु प्रवृत्ति का होना चाहिए, बच्चों को जिज्ञासु बनाने में विद्यालय की भूमिका अहम होती है। उन्होंने संस्कार पर जोर देते हुए कहा कि विद्यालय न केवल पुस्तकीय ज्ञान अपितु जीवन जीने की कला भी सिखाता है। अनुशासन, समय का प्रबंधन, नैतिक मूल्य, सहयोग, सहिष्णुता और सामाजिक व्यवहार जैसे गुण हम विद्यालय से ही सीखते हैं जो मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायता करता है।
विद्यालय की निदेशिका स्वाति अग्रवाल ने विद्यालय के शैक्षणिक प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते हुए अभिभावकों के प्रति अपनी कृतज्ञता और स्नेह व्यक्त किया। विद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों को साझा करते हुए उन्होंने अभिभावकों की सराहना की और कहा कि विगत 11 वर्षों में आप लोगों ने जो स्नेह और प्रेरणा विद्यालय को दिया है उसके लिए हम आपके कृतज्ञ हैं आगामी समय में भी आप लोगों से इसी प्रकार अत्यधिक स्नेह और विश्वास की आकांक्षा है। जहां विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत कोली नृत्य ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया वहीं कठपुतली नृत्य ने पूरे सभागार को अपने तालियों की गड़गड़ाहट से सराबोर कर दिया। राम स्तुति के मनमोहक नृत्य तो सभी के आकर्षण का केंद्र रहा, जिससे सभी दर्शक मंत्रमुग्ध होकर निहाल हो रहे थे। जूनियर वर्ग के छात्रों ने आभार गीत की अनुपम प्रस्तुति दी। विशिष्ट अतिथि श्री गयास अहमद ने शैक्षणिक क्षेत्र में अग्रणी रहने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते हुए मां की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मां के पैरों के नीचे जन्नत है, विद्यार्थी जीवन में तो मां की भूमिका सबसे प्रमुख होती है। जीवन का विकास में मां के योगदान के बिना सब असंभव जैसा है। कार्यकारी निदेशक श्रीश अग्रवाल ने बच्चों को पुरस्कृत करते हुए कहा कि आप सब ही देश के भावी कर्णधार हैं। उन्होंने अनुशासन, सहयोग और रचनात्मकता को बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि युवाओं की सक्रिय भागीदारी उनके आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और नेतृत्व कौशल को निखारती है। युवा विद्यार्थी ही भविष्य के निमार्ता होते हैं, और विद्यालय उन्हें उस भविष्य की नींव डालना सिखाता है। सीनियर वर्ग के विद्यार्थियों को विशिष्ट अतिथि अखिलेश मिश्र एवं विद्यालय प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने पुरस्कृत करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी। विशिष्ट अतिथि अखिलेश मिश्र ने बच्चों को उनकी सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि आज का यह अवसर विद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों और मूल्यों की याद दिलाता है। विद्यालय के प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में विद्यालय की उपलब्धियों का श्रेय अभिभावकों के स्नेह, विश्वास और सहयोग को देते हुए ग्लोबल की महत्ता की बात की। उन्होंने कहा आप सभी अभिभावकों के सहयोग से जीडी ग्लोबल स्कूल संपूर्ण विश्व में अपनी कीर्ति पताका को प्रसारित करें तथा अपनी उपलब्धियों से ग्लोबल को प्रभावित करें इसी संकल्पना के लिए हम कटिबद्ध हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्या दीपाली भुस्कुटे ने अपने संदेश में कहा कि आज का यह दिन न केवल हमारे विद्यालय की सफलता और विकास का जश्न मनाता है, बल्कि उन मूल मूल्यों और दृष्टिकोण को भी दर्शाता है, जिन्होंने हमें इस मार्ग पर आगे बढ़ाया है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि निरंतर प्रयास और समर्पण ही सफलता की आधारशिला हैं। हमारे उत्कृष्ट छात्रों की उपलब्धियाँ आपकी कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और लचीलेपन का प्रमाण हैं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान की सांकेतिक भाव-भंगिमा के साथ हुआ।