राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सपा नेताओं से कहा, नौकरी, आरक्षण, बेरोजगारी और सपा द्वारा किये गये कामों को बनाये मुद्दा
...तो सड़कों पर तलवारें और गालियां दिखतीं-अखिलेश यादव
आजमगढ़। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को आजमगढ़ के गंभीरपुर क्षेत्र स्थित मोहम्मद मसूद इंटर कॉलेज मंगरावा में हाजी अब्दुल कलाम के बेटे मोहम्मद शादिक की शादी के उपलक्ष्य में आयोजित दावत-ए-वलीमा में शामिल हुए। उनके साथ महाराष्ट्र प्रदेश सपा अध्यक्ष अबु आसिम आजमी भी मौजूद थे। इस दौरान अखिलेश ने सपा सांसद रामजीलाल सुमन के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि ऐतिहासिक विषयों पर चर्चा नहीं करनी चाहिए।
अखिलेश ने कहा, "मैंने रामजीलाल सुमन का बयान नहीं सुना, लेकिन इतिहास में कई ऐसी बातें लिखी होती हैं, जिन पर बहस उचित नहीं। लोग अब गूगल और चैट जीपीटी पर इतिहास खोज रहे हैं। अगर इतिहास सकारात्मक रास्ता न दिखाए तो उसे इतिहास में ही रहने देना चाहिए।" उन्होंने समाजवादियों से अपील की कि वे इतिहास के बजाय नौकरी, आरक्षण, बेरोजगारी और सपा के सकारात्मक कार्यों पर चर्चा करें। गंगाजल से घर व मन्दिर धोये जा रहे हैं, इस बात पर चर्चा होनी चाहिए।
अखिलेश ने बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मौजूदा सरकार केवल लैंड बैंक बना रही है और पुराने निवेश के इंसेंटिव दे रही है। उन्होंने दावा किया कि सपा के समय हुए निवेश की वजह से ही कारोबार बढ़ा। साथ ही उन्होंने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को मिल रहे समर्थन का जिक्र करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय के लिए एकजुटता से बड़ा परिवर्तन होगा। आजमगढ़ में दलित युवक की कथित कस्टोडियल डेथ का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा, "प्रदेश में लॉ एंड आॅर्डर की स्थिति खराब है। पुलिस की वजह से एक दलित युवक ने जान दे दी। हमने पीड़ित परिवार की मदद की और न्याय के लिए लड़ते रहेंगे।" सपा महासचिव इंद्रजीत के बयान पर अखिलेश ने करणी सेना का नाम लिए बिना कहा, "हालिया हंगामे में लोग संविधान की बात कर रहे थे। अगर बीजेपी के 400 सांसद जीत गए होते तो सड़कों पर तलवारें और गालियां दिखतीं। बीजेपी के ये ट्रूपर हिटलर के दौर की तरह हैं, जो वर्दी में मारपीट करते थे।"
अखिलेश ने कहा, "आजमगढ़ से मेरा विशेष लगाव है। यहां की जनता ने हमेशा लोकतंत्र और संविधान की रक्षा में साथ दिया। हम पीडीए की लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे और सामाजिक न्याय के लिए प्रभुत्वशाली ताकतों से लड़ते रहेंगे।" उन्होंने अंबेडकर जयंती पर लिए गए संकल्प को दोहराते हुए सामाजिक न्याय की स्थापना पर जोर दिया।