आजमगढ़। जिले के तरवां थाना क्षेत्र के विशुनपुर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक युवक ने अपनी बहन की हत्या और दूसरी बहन को जहर देने का गंभीर आरोप लगाते हुए स्थानीय कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। प्रार्थी आलोक (26 वर्ष), पुत्र रामसहाय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम), आजमगढ़ के समक्ष प्रार्थना पत्र दायर कर छह लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आलोक ने अपने प्रार्थना पत्र में सोनू (30 वर्ष), पुत्र दुन्नू, दुन्नू (55 वर्ष) पुत्र राजन, रुकमीना देवी (50 वर्ष), पत्नी दुन्नू,रानी (20 वर्ष) पुत्री दुन्नू, मोनू उर्फ मंजीत (25 वर्ष), पुत्र दुन्नू निवासी विशुनपुर, थाना तरवां, अर्जुन (25 वर्ष) पुत्र अनिल निवासी-शेर्रा, थाना तरवां के खिलाफ आरोप लगाते हुए बताया कि उनकी छोटी बहन ज्योति (नाबालिग, कक्षा 10 की छात्रा) को 6-7 साल पहले अभियुक्त सोनू ने अन्य आरोपियों की साजिश के तहत भगा लिया था। उस समय पुलिस ने कथित तौर पर आरोपियों के प्रभाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में, ज्योति का सोनू के साथ जबरन विवाह करा दिया गया। विवाह के बाद, ज्योति को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। आरोप है कि सोनू और अन्य अभियुक्त मोटरसाइकिल, अंगूठी और चेन की मांग करते थे। ज्योति ने मजबूरी में यह सब सहन किया और 11 अगस्त 2024 को उसने एक पुत्र को जन्म दिया। आलोक ने बताया कि 3 जनवरी 2025 की रात करीब 10 बजे, ज्योति और उनकी दूसरी बहन पूजा (जो अपने भतीजे की देखभाल के लिए सोनू के किराए के मकान पर गई थीं) की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सोनू ने दोनों को दवा दी, जिसके बाद वे बेहोश हो गईं। ज्योति का नवजात बच्चा जोर-जोर से रो रहा था, लेकिन सोनू दरवाजा बंद कर चुपके से बैठा रहा। सूचना मिलने पर आलोक और उनके परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंचे। पड़ोसियों की मदद से खिड़की तोड़कर कमरे में प्रवेश किया गया, जहां ज्योति और पूजा बेहोश पड़ी थीं। आलोक दोनों बहनों को तुरंत पीजीआई चक्रपानपुर ले जाया, जहां डॉक्टरों ने ज्योति को मृत घोषित कर दिया। पूजा की गंभीर हालत को देखते हुए उसे सदर अस्पताल, आजमगढ़ रेफर किया गया। कई दिनों के इलाज के बाद पूजा की हालत में सुधार हुआ। आलोक और उनके परिवार का दावा है कि सोनू और अन्य अभियुक्तों ने साजिश रचकर ज्योति को जहर देकर मार डाला और पूजा को भी साक्ष्य मिटाने के लिए जहर देने की कोशिश की, लेकिन पूजा की जान बच गई। आलोक ने यह भी बताया कि अभियुक्त अब भी उनके परिवार को गंदी गालियां दे रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। आलोक ने बताया कि उन्होंने और उनकी मां उर्मिला ने घटना की शिकायत थाना तरवां और पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़ से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, उन्होंने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर थानाध्यक्ष तरवां को मुकदमा दर्ज करने और जांच करने का आदेश देने की गुहार लगाई है। कोर्ट के आदेश पर तरवां पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।