आजमगढ़ : बाबा साहेब की जयंती पर सांसद धर्मेंद्र यादव का संकल्प

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बाबा साहब पीडीए के भगवान, संविधान की रक्षा के लिए जीवन भर संघर्ष करेंगे समाजवादी
संसद में बाबा साहब का अपमान करने वाले मानसिकता के लोग पार्क के जीर्णोद्धार का कर रहे हैं विरोध-धर्मेन्द्र यादव
आजमगढ़। भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर सपा के सांसद धर्मेंद्र यादव ने मेहता पार्क में आयोजित कार्यक्रम में बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि बाबा साहेब के बनाए संविधान और उसमें दिए गए अधिकारों—चाहे वह आरक्षण हो, सम्मान हो, स्वाभिमान, हक हो, या भागीदारी हो उसकी रक्षा के लिए समाजवादी जीवन भर संघर्ष करेंगे। बाबा साहब पीडीए के भगवान हैं, पीडीए के लोगों के लिए इससे बड़ा दिन और कोई हो ही नहीं सकता।
सांसद ने कहा, "किसी भी कीमत पर बाबा साहेब के संविधान के साथ छेड़छाड़ नहीं होने देंगे। यह मेरा और सभी समाजवादियों का संकल्प है।" उन्होंने मेहता पार्क में शिलापट्ट लगाने के विवाद पर भी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "पत्थर लगाना कोई बड़ी बात नहीं, बड़ी बात है लोगों की मानसिकता। जो लोग संसद में बाबा साहब का अपमान कर चुके हैं, जिन्होंने खेद व्यक्त करने के बजाय अहंकार दिखाया, उसी मानसिकता के लोग आज पार्क के जीर्णोद्धार का विरोध कर रहे हैं।" मेहता पार्क के जीर्णोद्धार में यदि कोई कमी रही हो, तो उसकी जांच कर उसे और बेहतर करने का वादा भी सांसद ने किया।
सांसद धर्मेंद्र यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी ने बाबा साहेब के अनुयायियों को परेशान किया और संविधान को कमजोर करने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया, "जिन्होंने दो करोड़ रोजगार, महंगाई कम करने और किसानों की आय दोगुनी करने जैसे वादों से जनता को भ्रमित किया, वे समाजवादियों पर आरोप लगाने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं।" सांसद ने कलेक्ट्रेट भवन, मेडिकल कॉलेज, एयरपोर्ट, जिला अस्पताल और कमिश्नरी जैसे विकास कार्यों को गिनाते हुए बताया कि ये कार्य समाजवादी पार्टी की सरकार की देन है, भाजपा ने "एक ईंट भी नहीं लगाई।" उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी पूर्व सांसद की घोषणाएं केवल कागजों तक सीमित रहीं। बाबा साहेब के अनुयायियों पर हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने आगरा के सांसद रामजी लाल सुमन के साथ हुए दुर्व्यवहार की निंदा की। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी संविधान विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया। अंत में, उन्होंने समाजवादियों के संकल्प को दोहराया कि वे बाबा साहेब के संविधान की रक्षा के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे।

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